मनुष्य घर बदलता है कपड़े बदलता है
रिश्ते बदलता है
मित्र बदलता है
फिर भी दुखी क्यों रहता है
क्योंकिी वो स्वयं को नहीं बदलता
किसी ने कहा है
उम्र भर मनुष्य यही भूल करता रहा...
धूल चेहरे पर थी और शीशा साफ करता रहा.
रिश्ते बदलता है
मित्र बदलता है
फिर भी दुखी क्यों रहता है
क्योंकिी वो स्वयं को नहीं बदलता
किसी ने कहा है
उम्र भर मनुष्य यही भूल करता रहा...
धूल चेहरे पर थी और शीशा साफ करता रहा.
सदैव मुस्कुराते रहिये,,,
न जाने कब,
,कौन,,
आपके इस अदा पे,,,
फिदा होकर दिल दे बैठे....
😂😂😂😂😂
धन्यवाद
Rahul Yadav
धन्यवाद दोस्तो ।।
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